कृषि विश्वविद्यालय, कोटा का अधिकार क्षेत्र पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के छह जिलों कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, सवाई माधोपुर और करौली में फैला हुआ है। विश्वविद्यालय सेवा क्षेत्र राज्य के भौगोलिक क्षेत्र का9.98 प्रतिशत, कुल मानव आबादी का 12.67 प्रतिशत और पशुधन आबादी का 11.26 प्रतिशत है। इसमें राज्य का 31.59 प्रतिशत वन क्षेत्र भी शामिल है। हालाँकि, राज्य का 9.51 प्रतिशत शुद्ध बोया गया और 20.60 प्रतिशत सिंचित क्षेत्र कृ. वि. वि., कोटा सेवा क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
विश्वविद्यालय को पहले से स्थापित एक कृषि अनुसंधान केंद्र, दो कृषि अनुसंधान उपकेंद्र, एक यांत्रिकी कृषि फार्म और छह केवीके विरासत में मिले हैं। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 से अगले पांच साल के लिए सुल्तानपुर (जिला-कोटा) में एक कृषि बीज फार्म विश्वविद्यालय को क्षेत्र में बीज उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से पट्टे पर दिया गया है।
विश्वविद्यालय को 2004 से स्थापित उद्यानिकी एवम वानिकी महाविद्यालय, झालावाड़ भी विरासत में मिला है। महाविद्यालय में उद्यानिकी और वानिकी संकाय हैं। इस विश्वविद्यालय का दूसरा घटक कॉलेज कृषि महाविद्यालय, उम्मेदगंज, कोटा है जिसे अप्रैल 2018 में स्थापित किया गया है। विश्वविद्यालय का तीसरा घटक कॉलेज कृषि महाविद्यालय, हिंडोली है जिसे 2021-22 के दौरान स्थापित किया गया है।
उपरोक्त महाविद्यालयो के अलावा, 8 सरकारी सहित 12 संबद्ध कॉलेज हैं। जो कि निम्नानुसार है।
संबद्ध सरकारी महाविद्यालय
- शहीद कैप्टन रिपुदमन सिंह राजकीय महाविद्यालय, सवाई माधोपुर
- राजकीय महाविद्यालय, सपोटरा,
- राजकीय कृषि महाविद्यालय, शाहबाद, बारां
- राजकीय कृषि महाविद्यालय, बारां
- राजकीय कृषि महाविद्यालय, टोडाभीम, करौली
- राजकीय कृषि महाविद्यालय, करौली
- राजकीय कृषि महाविद्यालय, सवाई माधोपुर
- राजकीय कृषि महाविद्यालय, बेहरानवण्डा खुर्द, सवाई माधोपुर
संबद्ध निजी कॉलेज
- माता भगवती देवी देव संस्कृति महिला कृषि महाविद्यालय, सीसवाली, बारां
- अपेक्स कृषि एवं अनुसंधान संस्थान, रानपुर, कोटा
- बूंदी कृषि महाविद्यालय, मोहनपुरा, इंदरगढ़
- सोरभ कृषि महाविद्यालय, खेड़ा, हिण्डौन सिटी, करौली