निदेशक, शिक्षा

 डॉ. आई.बी. मौर्य
निदेशक, शिक्षा

डॉ. इंद्र भूषण मौर्य उद्यानिकी विशेषज्ञ के रूप में पिछले 26 वर्षों से अपने शोध और अनुभवों से विद्यार्थियो और राजस्थान के किसानों को लाभान्वित कर रहे हैं। अगस्त, 2024 से वर्तमान में डॉ. मौर्य निदेशक, शिक्षा, कृषि विश्वविद्यालय, कोटा  के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले वे महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में भी 10 वर्षों तक सेवा दे चुके हैं। 2005 से झालावाड़ जिले में रहते हुए डॉ. मौर्य ने जिले में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती की शुरुआत की और इसकी उत्पादन तकनीक विकसित की। इसके साथ ही पॉलीहाउस खेती की उत्पादन तकनीक को सफलतापूर्वक विकसित किया और पॉलीहाउस में सब्जियों की खेती को लोकप्रिय बनाकर इस तकनीक को किसानों के खेतों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने प्रदर्शनों के माध्यम से राजस्थान और पड़ोसी राज्यों में कई किसानों को मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता प्रदान की है, जिसके परिणामस्वरूप राजस्थान में 200 से अधिक किसान परिवार स्ट्रॉबेरी की खेती और पॉलीहाउस में सब्जी की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं, और फल और सब्जी उत्पादन में योगदान दे रहे हैं। डॉ. मौर्य ने टिकाऊ कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। वर्तमान में, छात्रों और किसानों के साथ हाइड्रोपोनिक खेती की तकनीक पर काम कर रहे हैं, जिसमें कम पानी और मिट्टी की आवश्यकता होती है।

डॉ. मौर्य का जन्म 1968 में उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले में हुआ। वे शुरू से ही मेधावी छात्र रहे हैं, जिसके कारण उन्हें 1989 में स्नातक और 1992 में मास्टर डिग्री (सब्जी विज्ञान) में कुलपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या से स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री करने के बाद, वह 1996 में उदयपुर में विस्तार शिक्षा निदेशालय में सहायक प्रोफेसर के रूप में चयनित हुए। उन्होंने वहां, शिक्षण और अनुसंधान के अलावा, उदयपुर संभाग के किसानों को मास्टर ट्रेनर के रूप में अपने अनुभवों से लाभान्वित किया।

2005 में उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, झालावाड़ में सह आचार्य के रूप में चयनित हुए। तब से शैक्षणिक प्रभारी, छात्रावास वार्डन, विभागाध्यक्ष, आदि  के रूप में कार्य करते हुए अपनी सेवाए दे रहे हैं। उन्होंने विश्वविध्यालय में परीक्षा नियंत्रक के रूप भी कार्य किया। अप्रैल, 2018 से  जुलाई, 2024 तक उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, झालावाड़ में अधिष्ठाता के पद पर कार्यरत रहे। विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद, प्रबंध मंडल,  विभिन्न संगठनों की चयन समिति और आईसीएआर, नई दिल्ली द्वारा  कृषि विश्वविद्यालयों की मान्यता के लिए गठित समिति सदस्य के रूप में कार्य किया।

एक शिक्षक के रूप में, 75 से अधिक शोध पत्र और 35 लोकप्रिय लेख, 2 पुस्तकें, 7 पुस्तक अध्याय और 35 से अधिक रेडियो वार्ताएँ प्रकाशित की हैं। 27 स्नातकोत्तर एवं 3 पीएच.डी. विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। साथ ही स्नातकोत्तर की शोध सलाहकार समिति के सदस्य के रूप में 30 से अधिक विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया हैं। 6 अनुसंधान परियोजनाओं को प्रमुख अन्वेषक के रूप में सफलतापूर्वक पूरा किया, जिनमें से NAHEP परियोजना 420.5 लाख. रुपये की एक बड़ी परियोजना थी।

शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए 2010 और 2017 में विश्वविद्यालय स्तर पर और 2014 में झालावाड़ जिला स्तर पर आपको पुरुस्कृत किया गया है। हाल ही में आईएसएचआरडी फेलोशिप-2021-22 से सम्मानित किया गया है।

नोडल अधिकारी

नोडल अधिकारी: डॉ. चिराग गौतम
ईमेल: nodal_web@aukota.org


सम्पर्क

कृषि विश्वविद्यालय कोटा
बारां रोड, बोरखेड़ा, कोटा
दूरभाष संख्या (O) 0744-2321205
ईमेल: registrar@aukota.org

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Last Updated on : 21/12/24